(शनि ग्रह के लिए) : नीलम शनि ग्रह का रत्न है। नीलम का अंग्रेज़ी नाम 'सैफायर' है।
शनि महाराज का यह रत्न नवग्रहों के समस्त रत्नों में सबसे अनोखा है। नीलम रत्न गहरे नीले और हल्के नीले रंग का होता है। यह ओर भी कई रंगों में पाया जाता है; मसलन- मोर की गर्दन जैसा, हल्का नीला, पीला आदि। मोर की गर्दन जैसे रंग वाला नीलम उत्तम श्रेणी का माना जाता है।
नीलम पारदर्शी, चमकदार और लोचदार रत्न है। नवरत्न में नीलम भी होता है। शनि का रत्न नीलम एल्यूमीनियम और ऑक्सीजन के मेल से बनता है। इसे कुरुंदम समूह का रत्न माना जाता है। धारक के लिए शुभ होने की स्थिती में यह उसे धन, सुख, समृद्धि, नौकर-चाकर, व्यापरिक सफलता तथा अन्य बहुत कुछ प्रदान कर सकता है किन्तु धारक के लिए शुभ न होने की स्थिती में यह धारक का बहुत नुकसान भी कर सकता है। इसलिए इस रत्न को किसी अच्छे ज्योतिषि के परामर्श के बिना बिल्कुल भी धारण नहीं करना चाहिए।
इस रत्न को आम तौर पर दायें हाध की मध्यमा उंगली में शनिवार को सुबह स्नान करने के बाद धारण किया जाता है। न्यूनतम वजन: अलग-अलग आयु वर्ग के अनुसार अलग-अलग वजन (रत्ती में) की सिफारिश की जाती है